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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

सारांश

  • 1

    • राजा कुसरू मंदिर दोबारा बनाने का फरमान देता है (1-4)

    • बैबिलोन से लौटने की तैयारियाँ (5-11)

  • 2

    • लौटनेवालों की सूची (1-67)

      • मंदिर के सेवक (43-54)

      • सुलैमान के सेवकों के बेटे (55-57)

    • मंदिर के लिए खुशी से भेंट दी (68-70)

  • 3

    • वेदी बनाना और बलिदान चढ़ाना (1-6)

    • मंदिर बनाने का काम शुरू हुआ (7-9)

    • उसकी नींव डाली गयी (10-13)

  • 4

    • मंदिर का काम रोकने की कोशिश (1-6)

    • दुश्‍मनों ने राजा अर्तक्षत्र से शिकायत की (7-16)

    • अर्तक्षत्र का जवाब (17-22)

    • मंदिर का काम ठप्प (23, 24)

  • 5

    • यहूदी फिर से निर्माण शुरू करते हैं (1-5)

    • राजा दारा के लिए तत्तनै का खत (6-17)

  • 6

    • दारा की ढूँढ़-ढाँढ़ और फरमान (1-12)

    • मंदिर बना और उसका उद्‌घाटन (13-18)

    • फसह मनाया गया (19-22)

  • 7

    • एज्रा यरूशलेम आया (1-10)

    • एज्रा के लिए अर्तक्षत्र का खत (11-26)

    • एज्रा ने यहोवा की बड़ाई की (27, 28)

  • 8

    • एज्रा के साथ लौटनेवालों की सूची (1-14)

    • सफर की तैयारियाँ (15-30)

    • बैबिलोन से निकलकर यरूशलेम पहुँचे (31-36)

  • 9

    • इसराएली दूसरे देश के लोगों से शादी करते हैं (1-4)

    • एज्रा प्रार्थना में पाप कबूल करता है (5-15)

  • 10

    • पत्नियों को वापस भेजने का करार (1-14)

    • पत्नियों को वापस भेज दिया (15-44)