भजन 49:1-20

कोरह के वंशजों+ का सुरीला गीत। निर्देशक के लिए हिदायत। 49  देश-देश के लोगो, सुनो। दुनिया* के सब लोगो, ध्यान दो,   क्या छोटे, क्या बड़े,क्या अमीर, क्या गरीब, सब गौर से सुनो।   मेरे मुँह से बुद्धि की बातें निकलेंगी,मेरा दिल समझ की बातों पर मनन करेगा।+   मैं एक नीतिवचन पर ध्यान दूँगा,सुरमंडल बजाकर अपनी पहेली का मतलब खुलकर समझाऊँगा।   जब मैं मुश्‍किल दौर से गुज़रूँ तो क्यों घबराऊँ?+जब मैं उन लोगों की बुराई से घिर जाऊँ जो मुझे गिराना चाहते हैं तो क्यों डरूँ?   जो अपने धन पर भरोसा रखते हैं,+अपनी दौलत के अंबार पर शेखी मारते हैं,+   उनमें से कोई भी अपने भाई को हरगिज़ नहीं छुड़ा सकता,न ही उसके लिए परमेश्‍वर को फिरौती दे सकता है+   (उनकी जान की फिरौती* की कीमत इतनी ज़्यादा हैकि वे उसे कभी नहीं चुका सकते)   कि उसका भाई गड्‌ढे* में जाने से बचे और हमेशा जीता रहे।+ 10  वे देखते हैं कि जैसे मूर्ख और नासमझ मिट जाते हैं,वैसे ही अक्लमंद लोग भी मरते हैं+और उन्हें अपनी दौलत दूसरों के लिए छोड़नी पड़ती है।+ 11  उनकी दिली तमन्‍ना है कि उनके घर हमेशा टिके रहें,उनके तंबू पीढ़ी-दर-पीढ़ी खड़े रहें। वे अपनी जायदाद का नाम अपने नाम पर रखते हैं। 12  मगर इंसान का चाहे कितना ही मान-सम्मान क्यों न हो, वह हमेशा जीता न रहेगा,+वह जानवरों से कुछ बढ़कर नहीं जो मिट जाते हैं।+ 13  मूर्खों का यही अंजाम होता है+और उनके रंग-ढंग अपनानेवालों और उनकी खोखली बातों से मज़ा लेनेवालों का भी यही हश्र होता है। (सेला ) 14  जैसे भेड़ों को हलाल के लिए भेजा जाता है, वैसे ही उन्हें कब्र भेज दिया जाएगा। मौत उन्हें हाँकती हुई ले जाएगी,नया सवेरा होने पर सीधे-सच्चे लोग उन पर राज करेंगे,+उनका नामो-निशान मिट जाएगा,+कोई महल नहीं,+ कब्र ही उनका ठिकाना होगी।+ 15  मगर मुझे तो परमेश्‍वर कब्र की गिरफ्त से छुड़ा लेगा,+क्योंकि वह मुझे थाम लेगा। (सेला ) 16  किसी आदमी को मालामाल होते देख डरना मत,उसके घर का वैभव बढ़ता देख घबराना मत, 17  क्योंकि मरने के बाद वह अपने साथ कुछ नहीं ले जा सकता,+उसका ठाट-बाट उसके साथ नहीं जाएगा।+ 18  सारी ज़िंदगी वह खुद पर गुमान करता है।+ (जब तेरे पास दौलत होती है, तो लोग तेरी वाह-वाही करते हैं।)+ 19  मगर आखिर में वह अपने पुरखों की तरह मर जाता है। वे फिर कभी उजाला नहीं देखेंगे। 20  जो इंसान यह बात नहीं समझता, उसका चाहे कितना ही सम्मान हो,+वह जानवरों से कुछ बढ़कर नहीं जो मिट जाते हैं।

कई फुटनोट

या “दुनिया की व्यवस्था।”
या “उन्हें छुड़ाने।”
या “कब्र।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो