पहले पेज का विषय | ज़िंदगी और मौत के बारे में पवित्र शास्त्र क्या कहता है?
क्या ज़िंदगी का सफर मौत के बाद भी जारी रहता है?
जीवन और मौत के बारे में बहुत-सी धारणाएँ हैं और सब एक-दूसरे से अलग हैं। कुछ लोगों को लगता है कि इंसान मरने के बाद भी किसी और रूप में या किसी और लोक में ज़िंदा रहता है। कई लोग मानते हैं कि उनका दोबारा जन्म होगा और उनकी ज़िंदगी पिछले जन्म से अलग होगी। वहीं कुछ यह भी मानते हैं कि मौत होने पर सबकुछ खत्म हो जाता है।
जिस तरह आपकी परवरिश हुई या जिस संस्कृति में आप पले-बढ़े, उस वजह से शायद इस विषय पर आपकी भी अपनी राय होगी। जब लोगों की इतनी अलग-अलग राय है, तो सवाल उठता है कि मौत के बारे में हमें सच्चाई कौन बता सकता है या यह कहाँ से पता चल सकती है।
सदियों से धर्मगुरु सिखाते आए हैं कि इंसान में अमर आत्मा होती है। ईसाई, मुस्लिम, यहूदी, हिंदू और दूसरे कई धर्म या यूँ कहें कि करीब-करीब सब धर्म के लोग मानते हैं कि इंसान में एक अमर आत्मा होती है, जो इंसान की मौत के बाद आत्मिक लोक में ज़िंदा रहती है। वहीं बौद्ध धर्म के लोग पुनर्जन्म और निर्वाण पर यकीन करते हैं। उनका मानना है कि जब एक इंसान को निर्वाण प्राप्त होता है, तो उसे सारी तकलीफों से मुक्ति मिल जाती है।
इन सारी शिक्षाओं की वजह से दुनिया के ज़्यादातर लोग मानते हैं कि मरने पर एक इंसान को दूसरे लोक में जीने का मौका मिलता है। इसी के चलते बहुत-से लोग मानते हैं कि जीवन-चक्र में मौत एक अहम चरण है और उन्हें लगता है कि यह ईश्वर की ही मरज़ी है। लेकिन इस बारे में बाइबल में जो लिखा है, वह जानकर आप हैरान रह जाएँगे। क्यों न अगला लेख पढ़ें?