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परमेश्वर के राज में लोग “बड़ी शांति के कारण अपार खुशी पाएँगे।”—भजन 37:11.

क्या आपने कभी सोचा है?

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क्या पवित्र शास्त्र बाइबल चिंताओं का सामना करने में हमारी मदद कर सकती है?

आपका क्या कहना है?

  • हाँ

  • नहीं

  • शायद

पवित्र शास्त्र में क्या लिखा है?

“तुम अपनी सारी चिंताओं का बोझ [परमेश्वर] पर डाल दो क्योंकि उसे तुम्हारी परवाह है।” (1 पतरस 5:7) शास्त्र हमें यकीन दिलाता है कि परमेश्वर चिंताएँ दूर करने में हमारी मदद कर सकता है।

शास्त्र में और क्या बताया गया है?

  • प्रार्थना करके हम ‘परमेश्वर की शांति’ पा सकते हैं, जिससे हमारी चिंताएँ कम हो सकती हैं।फिलिप्पियों 4:6, 7.

  • इसके अलावा पवित्र शास्त्र पढ़ने से हमें चिंताओं का सामना करने में मदद मिल सकती है।मत्ती 11:28-30.

क्या कभी चिंताओं से पूरी तरह छुटकारा मिलेगा?

कुछ लोगों का मानना है . . . कि चिंताएँ और परेशानियाँ तो इंसान की ज़िंदगी का हिस्सा हैं। वहीं कुछ लोग कहते हैं कि चिंताओं से पूरी तरह छुटकारा तो मौत के बाद ही मिलेगा। आप क्या कहेंगे?

पवित्र शास्त्र में क्या लिखा है?

परमेश्वर चिंताओं की जड़ ही खत्म कर देगा। वह कहता है, “न मौत रहेगी, न मातम, न रोना-बिलखना, न ही दर्द रहेगा।”प्रकाशितवाक्य 21:4.

शास्त्र में और क्या बताया गया है?

  • परमेश्वर के राज में लोग सुख-चैन से रहेंगे।यशायाह 32:18.

  • चिंताएँ और परेशानियाँ बीती बातें बन कर रह जाएँगी।यशायाह 65:17.