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मेरे मम्मी-पापा तलाक ले रहे हैं, मैं क्या करूँ?

मेरे मम्मी-पापा तलाक ले रहे हैं, मैं क्या करूँ?

आप क्या कर सकते हैं

 अपनी चिंताओं के बारे में बात कीजिए। अपने मम्मी-पापा को बताइए कि उनके इस फैसले को लेकर आप कितने दुखी हैं या उलझन में हैं। आपकी बात सुनकर, हो सकता है वे आपको बता पाएँ कि उनकी ज़िंदगी में क्या चल रहा है और शायद इससे आपकी चिंता थोड़ी कम हो जाए।

 अगर आपके मम्मी-पापा आपकी मदद नहीं कर पा रहे हैं, तो शायद आप एक समझदार दोस्त से खुलकर बात कर सकते हैं।—नीतिवचन 17:17.

 सबसे बढ़कर, हमारा पिता समान परमेश्‍वर आपकी बात सुनने के लिए हरदम तैयार रहता है, क्योंकि वह ‘प्रार्थनाओं का सुननेवाला’ परमेश्‍वर है। (भजन 65:2) अपनी दिल की बात खुलकर उसे बताइए, क्योंकि ‘उसे आपकी परवाह है।’—1 पतरस 5:7.

आपको क्या नहीं करना चाहिए

माँ-बाप के तलाक से जुड़े दर्द से उबरना मानो टूटे हुए हाथ के दर्द से उबरने जैसा है, हालाँकि यह दर्दनाक है, मगर समय के गुज़रते आप ठीक हो जाएँगे

 मन में कड़वाहट मत पालिए। डैनियल बताता है, “मेरे मम्मी-पापा ने सिर्फ अपने बारे में सोचा। उन्होंने सोचा ही नहीं कि हमारा क्या होगा और हम पर क्या बीतेगी।”

 अगर डैनियल अपने मन में पल रहे कड़वाहट या गुस्से को दूर नहीं करता है, तो उसे क्या नुकसान हो सकता है?—सुराग: नीतिवचन 29:22 पढ़िए।

 हालाँकि डैनियल के मम्मी-पापा ने उसे ठेस पहुँचायी है, फिर भी उन्हें माफ करने की कोशिश करना उसके लिए अच्छा क्यों होगा?—सुराग: इफिसियों 4:31, 32 पढ़िए।

 खुद को सज़ा मत दीजिए। डैनी कहता है, “मेरे मम्मी-पापा के तलाक के बाद मैं दुखी और निराश हो गया था। इससे मुझे स्कूल में मुश्‍किलें आयीं और मैं एक साल फेल हो गया। उसके बाद . . . मैं क्लास में बच्चों को हँसाने के लिए जोकर जैसी हरकतें करने लगा और लड़ाई-झगड़ों में भी पड़ने लगा।”

 आप क्या सोचते हैं, क्लास में जोकर जैसा बर्ताव करने से या लड़ाई-झगड़ों में पड़ने से डैनी क्या साबित करना चाहता था?

 गलातियों 6:7 में दिया सिद्धांत किस तरह डैनी जैसे नौजवानों की मदद करेगा कि वे खुद को सज़ा न दें?

 जज़्बातों पर लगे ज़ख्मों को ठीक होने में वक्‍त लगता है। वक्‍त के गुज़रते जैसे-जैसे आपकी ज़िंदगी सँभलने लगेगी, वैसे-वैसे आप बेहतर महसूस करने लगेंगे।