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कहानी 6

दाविद डरता नहीं था

दाविद डरता नहीं था

जब आपको किसी से डर लगता है, तब आप क्या करते हैं?— शायद आप दौड़कर मम्मी-पापा के पास जाते होंगे, क्योंकि आपको पता है कि वे आपकी मदद ज़रूर करेंगे। मगर पता है, कोई और भी है जो आपकी मदद कर सकता है। वह सबसे ताकतवर है, इंसानों से भी ज़्यादा ताकतवर। क्या आप जानते हैं वह कौन है?— वह यहोवा परमेश्वर है। आइए बाइबल से देखें कि किस तरह यहोवा ने एक जवान लड़के की मदद की थी। उसका नाम था दाविद। दाविद जानता था कि यहोवा उसकी मदद ज़रूर करेगा, इसलिए उसे डर नहीं लगता था।

दाविद जब छोटा बच्चा था, तभी से उसके मम्मी-पापा ने उसे यहोवा के बारे में सिखाया था। धीरे-धीरे दाविद यहोवा से इतना प्यार करने लगा कि यहोवा उसका दोस्त बन गया। अब जब दाविद का दोस्त उसके साथ था, तो दाविद को किसी भी बात से डरने की ज़रूरत नहीं थी। दाविद जानता था कि उसका दोस्त यहोवा उसकी मदद ज़रूर करेगा। एक बार, जब दाविद भेड़ों की देखभाल कर रहा था, तब एक बड़ा-सा शेर आ गया और उसने एक भेड़ को अपने मुँह से पकड़ लिया! पता है तब दाविद ने क्या किया? उसने शेर का पीछा किया और शायद अपने हाथों से उसे मार डाला! और जब एक भालू ने उसकी भेड़ों पर हमला किया, तो दाविद ने उसे भी मार डाला! आपको क्या लगता है, किसने उसकी मदद की?— यहोवा ने।

एक और बार दाविद ने दिखाया कि वह डरता नहीं था। यह तब की बात है जब इसराएली पलिश्ती लोगों से लड़ रहे थे। पलिश्ती सेना का एक सैनिक बहुत ही डरावना और लंबा-चौड़ा आदमी था! उसका नाम था गोलियत। वह इसराएलियों का और यहोवा का मज़ाक उड़ा रहा था। गोलियत ने इसराएली सैनिकों से कहा कि अगर किसी में हिम्मत है, तो मुझसे लड़कर दिखाए। लेकिन सारे इसराएली उससे बहुत डर गए। किसी में इतनी हिम्मत नहीं थी कि जाकर उससे लड़े। जब दाविद को इस बारे में पता चला, तो जानते हैं उसने क्या किया? उसने गोलियत से जाकर कहा: ‘मैं लड़ूँगा तुमसे, और तुम्हें हरा दूँगा, क्योंकि यहोवा मेरी मदद करेगा!’ क्या आपको नहीं लगता कि दाविद बहुत ही बहादुर था?— दाविद किसी से नहीं डरता था। पता है आगे क्या हुआ?

दाविद ने अपना गोफन लिया। गोफन का मतलब है, ऐसी चीज़ जिसमें पत्थर रखकर फेंका जाता है। फिर उसने पाँच गोल-गोल पत्थर लिए और गोलियत से लड़ने के लिए निकल पड़ा। जब गोलियत ने देखा कि इतना छोटा-सा लड़का उससे लड़ने आ रहा है, तो वह ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा। और दाविद का मज़ाक उड़ाने लगा। मगर दाविद ने उससे कहा: ‘तू तलवार लेकर मुझसे लड़ने आ रहा है, लेकिन मैं यहोवा के नाम से तुझसे लड़ने आ रहा हूँ।’ फिर उसने एक पत्थर अपने गोफन में डाला, गोलियत की तरफ भागकर गया और पत्थर गोलियत की तरफ फेंका। पत्थर सीधे गोलियत के माथे पर जा लगा और गोलियत गिरकर मर गया! इससे पलिश्ती लोग इतने घबरा गए कि वे सभी वहाँ से भाग गए। आखिर एक छोटा-सा लड़का इतने बड़े गोलियत को कैसे मार सका?— यहोवा ने उसकी मदद की! हाँ, यहोवा उस गोलियत से भी ज़्यादा ताकतवर था!

दाविद किसी से नहीं डरता था, क्योंकि वह जानता था कि यहोवा उसकी मदद करेगा

आप दाविद की कहानी से क्या सीख सकते हैं?— यहोवा सबसे ताकतवर है। और वह आपका दोस्त है। इसलिए अगली बार अगर आपको किसी से डर लगे, तो याद रखिए, यहोवा आपको ताकत दे सकता है!

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